12 Dec 2015

हमने तो गुमशुदगी में ही अपना वजूद रखा था  ,
ये तो दुनिया ने, हमारी ज़िन्दगी से पहचान करने का तक़ल्लुफ़ किया है   ...

9 Nov 2015

तेरे अश्क़ों की कीमत जाने तू ही ,
फिर क्यों इन्हे बह जाने की इजाज़त , तूने दी … 
क्या ज़माने को बताएगा तू , इन मोतियों की वजह क्या बनी  … 
जब और किसी ने , इनकी क़दर न जानी  … 

18 Sept 2015

वह दौर कुछ और था,
नाम रमता था अपना, अक़्लमंदों की क़तारों में   …
अब वो दौर है, कुछ के रहमो-करम पर ,
गिने जाते हैं फ़क़ीरों में   …

बात दौर की नहीं ,
कुछ है अरमानों की, कुछ तदबीरों की ,
जिनसे उभर न सकेंगे कई अरसों ,
सौग़ात ये है उन तकदीरों की   …

24 May 2015

कुछ चेहरों पर मुस्कानों की अहमियत ,
अल्फ़ाज़ों से नहीं बयां की जाती   ....
जब-जब मुस्कानें झलक हैं दिखाती  ,
अनकही दास्तानें हैं सुनायी जाती  ....

2 May 2015

तेरे उन पहले क़दमों का एहसास,
जहां से रू-ब-रू होते जज़्बात  …
हर लव्ज़ से, हर लम्हें में ,
इस जहां को पाने की कोशिश  …
खिली-खिली मुस्कान लेकर,
नभ में उड़ने की ख्वाहिश  …
है तू वह नन्ही परी ,
जिसका हर मिज़ाज होता मोहताज ,
जब-जब साथ होते तेरे ,
होती हर पल ज़िंदगी से मुलाक़ात  …

29 Apr 2015

नूर-ए-इबादत भी फ़ीकी पढ़ जायेगी  ,
तेरी तबस्सुम-ए-झलक जब उसे मिल जाएगी  …
तू औरों के ऐतबार को जो तवज्जो दे ,
तेरी ही पहचान , तेरे  करीब, तुझे पल-पल लाएगी  …

बस खुद को तू यूं ही बनाये रखना ,
कि तेरे साथ ही तुझे दुनिया नज़र आएगी  …
फ़र्क सिर्फ इतना होगा , कि भीड़ में ,
तेरी शक़्सियत, तेरे सफ़ीनों को तुझसे मिलाएगी  …

1 Jan 2015

हर ख़ुशी हो तेरी मेज़बान ,
कुछ यूं जज़्बात कहें  ....
हर मुस्कान से हो तेरी पहचान ,
हर लम्हा यही फ़रियाद करे  …

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