23 May 2011

कोई बंदिश है तेरी इस मुस्कान में ,
जिसने आती हुई तेरी हंसी को, रोका है ...
ऐसा लगे , जैसे नम हैं आँखें तेरी ,
जिसने बढ़ती हुई तेरी मुस्कान को , टोका है ...

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