तेरे अश्क़ों की कीमत जाने तू ही ,
फिर क्यों इन्हे बह जाने की इजाज़त , तूने दी …
क्या ज़माने को बताएगा तू , इन मोतियों की वजह क्या बनी …
जब और किसी ने , इनकी क़दर न जानी …
फिर क्यों इन्हे बह जाने की इजाज़त , तूने दी …
क्या ज़माने को बताएगा तू , इन मोतियों की वजह क्या बनी …
जब और किसी ने , इनकी क़दर न जानी …
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