9 Nov 2015

तेरे अश्क़ों की कीमत जाने तू ही ,
फिर क्यों इन्हे बह जाने की इजाज़त , तूने दी … 
क्या ज़माने को बताएगा तू , इन मोतियों की वजह क्या बनी  … 
जब और किसी ने , इनकी क़दर न जानी  … 

No comments:

Post a Comment

Followers

Blog Archive