4 Jun 2013

हो शान तेरी मुझसे ऊंची , तो क्या ,
है भीड़ में धीमे होना मुझे भी, है धीमे होना तुझे भी …
हो रफ़्तार तेरी मुझसे तेज़ , तो क्या ,
है रुकावट पर रुकना मुझे भी, है रुकना तुझे भी …
हो पहचान तेरी मुझसे अलग , तो क्या ,
है लाखों में नाम मिला मुझे भी, है नाम मिला तुझे भी …
हो जुनूं तुझमें कुछ कर दिखाने का , तो क्या ,
है जज़्बा जीत का मुझमें जो, वही तुझमें भी ...

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