हर ख़ुशी हो तेरी मेज़बान ,
कुछ यूं जज़्बात कहें ....
हर मुस्कान से हो तेरी पहचान ,
हर लम्हा यही फ़रियाद करे …
कुछ यूं जज़्बात कहें ....
हर मुस्कान से हो तेरी पहचान ,
हर लम्हा यही फ़रियाद करे …
Kuchh Ehsaas Hai, Kuchh Aas Hai ... Ye Shabd Kehte Wahi , Jis Soch Ka Kiya Maine Aabhaas Hai...
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