क़लाम बदलने का सबब तो मिल जाएगा ,
कलम को बदलने का कहाँ से हुनर पाएंगे ...
जो इसका भी हो जाए हमें इल्म ,
तो क्या कोई तुर्रम खां न बन जाएंगे ...
कलम को बदलने का कहाँ से हुनर पाएंगे ...
जो इसका भी हो जाए हमें इल्म ,
तो क्या कोई तुर्रम खां न बन जाएंगे ...
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