मुस्कानों के राज़ न खुलते ,
बस मुस्कानें झलकाए जाते हैं ...
इस अंदाज़-ई-मुस्कान का ,
कई अनदेखे रंग साथ निभाते हैं …
बस मुस्कानें झलकाए जाते हैं ...
इस अंदाज़-ई-मुस्कान का ,
कई अनदेखे रंग साथ निभाते हैं …
Kuchh Ehsaas Hai, Kuchh Aas Hai ... Ye Shabd Kehte Wahi , Jis Soch Ka Kiya Maine Aabhaas Hai...
No comments:
Post a Comment