19 May 2014

यूँ तो मुस्कुराने की वजह ढूंढते हैं लोग ,
हम तो बेवजह ही मुस्कुरा लेते हैं  …
मिले जो कुछ पयाम राहों के ,
बिना मंज़िल के ही जी लेते हैं  ...

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