अब भी नहीं बदली यह मुस्कान ,
बदल गए बस कुछ मंज़र ...
किस्मत की लकीरों से बने सुर्ख निशाँ ,
अब भी खिंचते हैं , टिकते नहीं जो पल भर ...
बदल गए बस कुछ मंज़र ...
किस्मत की लकीरों से बने सुर्ख निशाँ ,
अब भी खिंचते हैं , टिकते नहीं जो पल भर ...
Kuchh Ehsaas Hai, Kuchh Aas Hai ... Ye Shabd Kehte Wahi , Jis Soch Ka Kiya Maine Aabhaas Hai...
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