तस्वीर क़ैद करने के लिए ,
एक चेहरे की ज़रुरत है ...
चेहरा पहचान जाए जो तस्वीर ,
बस फिर कहाँ परे, उसकी कोई फितरत है ...
एक चेहरे की ज़रुरत है ...
चेहरा पहचान जाए जो तस्वीर ,
बस फिर कहाँ परे, उसकी कोई फितरत है ...
Kuchh Ehsaas Hai, Kuchh Aas Hai ... Ye Shabd Kehte Wahi , Jis Soch Ka Kiya Maine Aabhaas Hai...
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