5 Feb 2014

एक अरसे को कुछ पलों में जो पिरोया ,
क्या तूने इनमें कुछ है पाया, कुछ खोया  …
पैरवी कर इन बेशकीमती लम्हों की ,
एक नहीं , कई यादों को संजोया  ...

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