28 Mar 2010

ज़िन्दगी के हर दौर से,
गुजरने की ख्वाहिश रखकर
वक़्त के दायरे में रहकर,
हर लम्हा जीने की,
गुज़ारिश तो कर

ग़र ख्वाहिश बाँध ले तू ,
जन्नत पाने की ,
जन्नत ही होगी नसीब ,
एक पहल तो कर,
खुद को आज़माने की

1 comment:

  1. You are blessed with the grace of these divine words - May you be blessed in all your endeavors

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